Gadepalli Venkat

Thursday, 17 March 2016

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दर्द ? ? ? उसे चोट पहुँचने दे घाव से खून बहाने दे पीड़ा देकर सताने दे वेदना से तड़पाने दे आहिस्ता आहिस्ता लुप्त होने दे स्वस्थ होने...

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चिल्लाकर कहना चाहती हूँ बड़ी जोर से शोर मचाते हुए चीख कर बताना चाहती हूँ सैतान के बारे में और मेरे हालत के बारे में ... न जाने इतनी...

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न तो वो  मर गयी थी न वो डूब गयी थी नाहि  बेबस होकर तड़प तड़प कर रो रही थी खिन्न उदास दुखी न न न बिलकुल न बरसों का बंधन टूट कर आ...

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शुरुआत कर आज अभी और इसी वक्त वहीँ से शुरुआत कर , जहाँ तुम खड़ी हो...... डर से दर्द से शक से , किसी भी हालत में होने दे तुम मगर शुरुआ...

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मंदिर में नहीं , नहीं मधुरापुर बृन्दावन में नाही पर्वत पहाड़ बाग़ बगीचे किशन को कहीं न पाये स्वर्ग पाताल अवनि तल में नहीं देखे मधु स...

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I am a folk song , that Lives in the mouths of Illiterate lady labourers of One Tea Estate . It has no tune that attracts masses ...

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If I say , I miss you If I feel like requesting you again If I say , sorry and If I say please................ . . If I say , I ba...
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