Tuesday 17 November 2015







तुम वो नहीं थी
जिस की याद मेरा तन से
दिलाया जाती ......
तुम वो थी
जिस की याद मेरे मन
दिलाती रहती थी ......

तुम वो नहीं थी
जिस के लिए मुझे बाग़ बगीचों में
बहारों में ढूंढना पड़ता है ....
तुम वो थी
जिसका संग हर पल मेरे
दिल में ही होती रहती थी .....

तुम वो नहीं थी
जो मेरे सामने रहने पर
दिखाई देनेवाली गुलाबी .....
तुम वो थी
जिसका तस्वीर सदा
मेरे आँखों में छुपा रहती ......

तुम वो नहीं थी
जिसको मैं कोई दूसरी , गैर
और मुझ से अलग समझता हूँ .....
तुम वो थी
जिसका मैं खुद
उसीका हो गया हूँ ...................





No comments:

Post a Comment