Friday 31 July 2015

Main Shayar To Nahin (Bobby HD 1080p)











मैं शायर तो नहीं, मगर ऐ हसीं 
जब से देखा मैंने तुझको, मुझको शायरी आ गयी
मैं आशिक तो नहीं, मगर ऐ हसीं
जबसे देखा मैंने तुझको, मुझको आशिकी आ गयी

प्यार का नाम, मैंने सुना था मगर
प्यार क्या है, ये मुझको को नहीं थी खबर
मैं तो उलझा रहा, उलझनों की तरह
दोस्तों में रहा, दुश्मनों की तरह
मैं दुश्मन तो नहीं, मगर ऐ हसीं
जबसे देखा मैंने तुझको, मुझको दोस्ती आ गयी

सोचता हूँ अगर मैं दुवां मांगता
हाथ अपने उठाकर मैं क्या मांगता
जबसे तुझसे मोहब्बत मैं करने लगा
तबसे जैसे इबादत मैं करने लगा
मैं काफ़िर तो नहीं, मगर ऐ हसीं
जबसे देखा मैंने तुझको, मुझको को बंदगी आ गयी

No comments:

Post a Comment